Not known Facts About अहंकार की क्षणिक प्रकृति: विनम्रता का एक पाठ
आचार्य प्रशांत: ईगो (अहंकार) का सांकेतिक, शाब्दिक, आध्यात्मिक सब एक ही अर्थ होता है – ‘मैं’। ‘मैं’ की भावना को अहम्, ईगो कहते हैं। ये आदम
आचार्य प्रशांत: ईगो (अहंकार) का सांकेतिक, शाब्दिक, आध्यात्मिक सब एक ही अर्थ होता है – ‘मैं’। ‘मैं’ की भावना को अहम्, ईगो कहते हैं। ये आदम